तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।
जुनून-ए-मयस्सर में तार-तार हो गये। जुनून-ए-मयस्सर में तार-तार हो गये।
इश्क़ ही आदत है इश्क़ इबादत है, इश्क़ सच्ची रीत है इश्क़ ही प्रीत है, इश्क़ हम भी हैं इश्क़ ही आदत है इश्क़ इबादत है, इश्क़ सच्ची रीत है इश्क़ ही प्रीत है, इश्क़ ...
तुझे रोक ना सके इसलिए शायद मेरे इश्क में ही कोई कमी है! तुझे रोक ना सके इसलिए शायद मेरे इश्क में ही कोई कमी है!
यह कविता एक प्रेमी के मन के भाव दर्शाती है। यह कविता एक प्रेमी के मन के भाव दर्शाती है।
ये कविता दर्शाती है की जिंदगी कभी कभी बहुत कुछ दे कर भी कुछ प्यास बाकी रखती है। ये कविता दर्शाती है की जिंदगी कभी कभी बहुत कुछ दे कर भी कुछ प्यास बाकी रखती है।